ज़िंदगी में अगर तुम अकेले हो तो प्यार करना सिख़लो, और प्यार कर लिया हैं तो इज़हार करने भी सिख़लो. अगर इज़हार करना नही सीखा तो, ज़िंदगी भर प्यार के यादों में रोना सिख़लो…
ये इश्क भी एक अजीब एहसास होता है… अल्ज़फों से ज्यादा निगाहोसे बया होता है… हर पल बस उसके गम और खुशी की फ़िक्र होती है… इसी एहसास से तो हमको जीने का गुमान होता है…
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